जो मुझको तुम पहचान लो, तुमको
ऐसी क्या बात लिखूं?
कोई वक्त लिखूं?
कोई घड़ी लिखूं?
या हर पल में गुज़रे लम्हात लिखूं?
क्या चाह लिखूं तन्हाई की?
या पल-पल छूटता साथ लिखूं?
रूठती मनाती सुबह लिखूं?
या हर दिन में ढलती रात लिखूं?
कोई मिलन लिखूं अधूरा सा?
या जुदाई से होती मुलाक़ात लिखूं?
कोई गीत लिखूं? या
ग़ज़ल लिखूं?
या फिर कोई अनसुनी साज़ लिखूं?
हर छोटी-छोटी बात लिखूं?
या कोई भूली-बिसरी याद लिखूं?
जो मुझको तुम पहचान लो,
सोचता हूँ
तुमको ऐसी क्या बात लिखूं?
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